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हर घर तिरंगा अभियान के तहत स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा में जागरूकता अभियान

अनिल मलहरे (हरदा)

हरदा:-


हर घर तिरंगा अभियान के तहत  स्वामी विवेकानंद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय हरदा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में महाविद्यालय प्राचार्य डॉक्टर संगीता विले एवं आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ धीरा शाह के मार्गदर्शन में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को हर घर तिरंगा और अंकुर अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों को अपने अपने घरों में तिरंगा फहराने हेतु प्रेरित किया गया

    छात्र इकाई प्रभारी डॉ सीपी गुप्ता ने  कहा कि राष्ट्रीय झंडा फहराना गर्व और गौरव का विषय है। राष्ट्रीय झंडा हमारी अस्मिता और एकता की मजबूती को हमें सदैव याद दिलाता रहता है। इसके लिए हमारे पूर्वजों ने अनेक यातनाएं और ब्रिटिश पुलिस की लोहे की मूठ वाली लाठियां सही हैं। उन्होंने सूरत के बच्चों की बहादुरी और सूझबूझ की प्रशंसा करते हुए कहा कि सूरत के बच्चों ने ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती देने के लिए अपनी विलक्षण प्रतिभा का उपयोग किया था। जब उनके हाथ से पुलिस द्वारा बार-बार राष्ट्रीय झंडा छीना गया तो परेशान होकर उन्होंने एक नया उपाय निकाला, उन बच्चों ने तिरंगे की ही अपनी ड्रेस सिलवा ली और उस ड्रेस को पहनकर शान से सड़कों और गलियों में जीवित झंडे बनकर घूमते रहे और पुलिस को चुनौती देते रहे। पुलिस उनके इस राष्ट्रीय झंडे को उनसे नहीं छीन सकी। वाणिज्य विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ दीप्ति अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रीय एकता के प्रतीक राष्ट्रीय झंडा को अब घर घर फहराना चाहिए। हमें 75 वर्ष की आजादी का जश्न धूमधाम से मनाना चाहिए और एकता के विरोधियों को कड़ा संदेश देना चाहिए।

कार्यक्रम के अगले चरण में  राष्ट्रीय सेवा योजना की छात्रा इकाई प्रभारी डॉ रश्मि सिंह ने अंकुर अभियान के अंतर्गत पौधारोपण के लाभों से विद्यार्थियों को परिचित कराया और और कहा कि वास्तव में पौधे 'आस नई और सांस नई की मिसाल हैं। इसलिए हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक होकर अधिक से अधिक पौधे रोपित करने चाहिए और दूसरों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करना चाहिए। 

उक्त कार्यक्रम में एनएसएस दल नायक अमित देवड़ा, भागवत चौहान, अंजलि डोंगरे, आयुषी चौहान, सपना बिल्लोरे, ज्योति गौर एवं अन्य छात्रों ने बडी संख्या में सक्रिय भागीदारी  निभाई। भगवत चौहान ने अपने खेतों में 1000 से अधिक पौधे रोपित किए हैं और उसने महाविद्यालय को भी 50 आम के पौधे सौंपे हैं।

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