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आर.टी.सी.आईटीबीपी में कवि सम्मेलन सम्पन्न

 मेरा कवि उसका स्वागत सत्कार करेगा

 

करैरा:-



आर टी सी आईटीबीपी करैरा के विशाल प्रांगण में सैनिकों के बीच अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर श्रीमती अंजली खत्री की पुस्तक उद्गम का विमोचन एवं कवि सम्मेलन का आयोजन डी आई जी ए. पी. एस. निम्बाडिया के मुख्य आतिथ्य में किया गया.

सर्वप्रथम अतिथियों और उपस्थित साहित्यकारों ने दी प्रज्ज्वलित किया .

सभी अतिथियों और साहित्यकारों का स्वागत एवं सम्मान डी आई जी सुरिन्दर खत्री ने किया साथ ही कवियित्री श्रीमती अंजली खत्री के कविता संग्रह उद्गम का विमोचन किया गया.

पुस्तक चर्चा के क्रम में साहित्यकार सतीश श्रीवास्तव ने अपने उदबोधन ने कहा कि रचनाकार कविताओं के सृजन में किसी मूर्तिकार से कम श्रम नहीं करता है.

उन्होंने कविता संग्रह की भूरि भूरि प्रसंशा करते हुए कहा कि उद्गम कविता संग्रह आज विमोचित होकर पाठकों के हाथों में पहुँच रहा है ,जीवन के इस अनमोल अवसर तक पहुंचने के लिए रचनाकार निश्चित रूप से किसी मूर्तिकार से कम श्रम नहीं करता जैसा कि इस कविता संग्रह का नाम है, बिल्कुल उसी तरह जैसे नदी अपने उद्गम से निकल कर एक लम्बी यात्रा करती है और इस यात्रा के दौरान जनमानस का भला करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचती है।

कविता संग्रह की उत्कृष्ट कविताओं ने कविता संग्रह को रुचिकर और पठनीय तो बनाया ही है साथ ही संग्रहणीय भी बनाया गया है।

चालीस कविताओं वाली इस किताब में श्रीमती अंजली खत्री जी ने हर कविता के साथ कविता से भी बड़ा आत्मीय सोच का डिस्क्रिप्शन ( वर्णन) दिया है जो सोचने को भी विवश करता है।

श्री कमलेश कमल ने कविता संग्रह को उनके अनुभवों का एक महत्वपूर्ण संग्रह बताया उन्होंने कहा कि सब कुछ नष्ट हो सकता है किंतु ज्ञान की सत्ता कभी समाप्त नहीं होती उन्होंने रचनाकार अंजली खत्री के कविता संग्रह की सराहना के साथ ही उनके पति डीआईजी सुरिन्दर खत्री के उत्कृष्ट सोच की सराहना की.

साहित्यकार प्रमोद गुप्ता भारती ने पुस्तक चर्चा के क्रम में कहा कि कविता संग्रह उद्गम की जितनी सराहना की जाए कम है उन्होंने कहा कि वर्तमान ही नहीं अपितु बहुत पहले से या यूँ कहें कि प्रारंभ से ही मानव सुख एवं खुशियों को आमंत्रित करता है किंतु यह रचनाकार अंजली खत्री की विमलता ही है कि उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से पीड़ा आना मेरे द्वार के द्वारा पीड़ा को आमंत्रित किया है.

उद्गम की रचनाकार अंजली खत्री ने बताया कि कविताओं की शुरुआत कैसे हुई . 

उन्होंने कहा कि बचपन से ही कविताओं में विशेष रुचि रही है इस अवसर पर उन्होंने अपनी कविताओं का पाठ भी किया.

कवि सम्मेलन में प्रभुदयाल शर्मा, डा. राजेन्द्र गुप्ता, सतीश श्रीवास्तव, डा. ओमप्रकाश दुबे, रमेश वाजपेयी, कमलेश कमल,सौरभ तिवारी, प्रमोद गुप्ता भारती, आदित्य शिवपुरी, देवेंद्र नटखट झांसी, श्रीमती कमलेश सक्सेना, श्रीमती अंजली खत्री के साथ न्यायाधीश शैलजा गुप्ता ने भी का काव्य पाठ किया. इस अवसर पर कु. सलौनी तिवारी ने कविता सुनाई तो संपूर्ण प्रांगण तालियों से गूंज उठा.

मुख्य अतिथि डीआईजी श्री निम्बाडिया ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन निश्चित रूप से सैनिकों का हौसला बढा़ते हैं.

डीआईजी सुरिन्दर खत्री ने सभी साहित्यकारों और अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.

सफलतापूर्वक संचालन प्रमोद गुप्ता भारती एवं भाटी ने किया तथा आभार प्रदर्शन डी आई जी सुरिन्दर खत्री ने किया ।

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