पिछले एक वर्ष में ग्वालियर-चंबल संभाग में शासकीय योजनाओं व कार्यक्रमों का क्रियान्वयन
कोरोना संक्रमण की रोकथाम और आपदा में त्वरित राहत के लिए विशेष प्रयास
ग्वालियर :-
विकास की योजनाएं जल्द से जल्द आकार ले सकें और शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ त्वरित और सही व्यक्ति तक पहुंच सके यह तभी संभव है जब व्यवस्था के दोनों पहिये यानी शासन और प्रशासन एक साथ पूरी गंभीरता से काम करे। ग्वालियर चम्बल अंचल में इसका प्रभाव और परिणाम स्पष्ट दिखते है। ग्वालियर चंबल संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस दौरान उन्होंने अपनी प्रशासनिक कार्यशैली के जरिये ग्वालियर-चंबल संभाग के विकास को गति देने के साथ ही समाज के अंतिम छोर तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाया जैसी कि शासन की मंशा भी थी।
ग्वालियर-चंबल संभाग के आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने अपने एक वर्ष के सफल कार्यकाल में स्वालियर-चंबल संभाग में विकास के कार्यों को गति देने के साथ ही शासन की जनकल्याणकारी •योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को समय पर मिले, इसके लिए निरंतर मॉनीटरिंग और मार्गदर्शन प्रदान करने से इसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
संभागीय आयुक्त श्री आशीप सक्सेना के सामने ग्वालियर में पदभार ग्रहण करते समय अनेक चुनौतियां थी लेकिन कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने इन चुनौतियों का सफलतापूर्वक मुकाबला ही नहीं किया बल्कि सकारात्मक परिणाम भी प्रस्तुत किए। कोविड-19 की प्रथम एवं द्वितीय लहर की चुनौती को सफलतापूर्वक सभी के सहयोग से स्वीकार किया और बहुत हद तक संक्रमण को रोकने में कामयाबी भी हासिल की। इसके साथ ही कोविड-19 के दौरान भी ग्वालियर-चंबल संभाग में विधानसभा के उप निर्वाचन में अपनी सक्रिय भूमिका से शांति और सदभाव के साथ मतदान सम्पन्न कराया। मतदान के दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन एक बड़ी चुनौती थी, जिसका सामना भी बड़ी सावधानी और कार्यकुशलता से किया। मतदान केन्द्रों पर क्यूलेस (लाइन रहित) मतदान की व्यवस्था कराई गई। इसके साथ ही मतदाताओं को टोकन प्रदान भी किए गए, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित हो सके।
ग्वालियर-चंबल संभाग में कोविड-19 के संक्रमण से कुछ राहत मिली ही थी कि प्रकृति का प्रकोप बाढ़ के रूप में सामने आया। प्राकृतिक आपदा की घड़ी में संभागीय आयुक्त श्री सक्सेना ने धैर्यपूर्वक सभी प्रभावित गाँवों में लोगों की जान-माल बचाने के लिये अथक प्रयास किए। सेना की मदद से भी कई लोगों को बचाया गया। शासन की मंशा के अनुरूप सभी प्रभावितों को सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में भी तत्परता से सभी जिलों में कार्य कराया गया। कोई भी प्रभावित सहायता से वंचित न रहे यह भी सुनिश्चित किया गया।
कोविड-19 के संक्रमण से सीख लेते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में भी संभागीय आयुक्त ने अनुकरणीय पहल की। ग्वालियर-चंबल संभाग के सभी जिलों में स्थापित किए जा रहे ऑक्सीजन प्लांटों का काम तेजी से हो, यह सुनिश्चित किया गया। इसके साथ ही ग्वालियर में एक हजार बिस्तर के अस्पताल के निर्माण का कार्य तेज गति से हो, इसकी भी निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। मेडीकल कॉलेज में छात्रों की संख्या में वृद्धि होने पर उनके लिये नए हॉस्टल का निर्माण भी समय-सीमा में कराया गया।
[9/24, 11:49 PM] Roshan Jain: संभाग आयुक्त श्री सक्सेना ने वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों के निर्देश पर ग्वालियर में पेयजल आपूर्ति के लिये चंबल प्रोजेक्ट तैयार करने के लिये भी विशेष प्रयास किए। चंबल का पानी ग्वालियर में आने से पेयजल संकट की बड़ी समस्या से ग्वालियर मुक्त होगा। भारत सरकार एवं राज्य सरकार से निरंतर समन्वय कर योजना को अमलीजामा पहनाने के लिये भी उन्होंने सार्थक प्रयास किया। उनके प्रयास सार्थक होते भी नजर आये और अनेक योजनाओं में अंचल को राज्य की प्रगति तालिका में उच्च स्थान पहुंचाया।
उन्होंने नगर निगम ग्वालियर के प्रशासक के रूप में भी निगम के कार्यों में पारदर्शिता लाने हेतु कई कार्य किए। इसके साथ ही निगम की साफ-सफाई व्यवस्था की निरंतर मॉनीटरिंग के लिये कंट्रोल कमाण्ड सेंटर से मॉनीटरिंग प्रारंभ कराई। इससे आम जनों की शिकायतों का निराकरण तेजी से हुआ और सफाई व्यवस्था में भी सुधार हुआ। निगम को आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में भी उन्होंने निरंतर मार्गदर्शन प्रदान किया। विकास की विभिन्न परियोजनाओं को गति देने के लिये भी उन्होंने समय-समय पर अधिकारियों से चर्चा कर दिशा-निर्देश दिए।
संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने हाउसिंग बोर्ड की विभिन्न योजनाओं भी प्राथमिकता देते हुए उनको गति देने की दिशा में कार्य किया। ठाठीपुर पुनर्धनत्वीकरण योजना का कार्य समय-सीमा में हो, इसके लिये हर संभव सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने ग्वालियर विकास प्राधिकरण की योजनाओं को भी गति प्रदान करने का कार्य किया।
माधव प्लाजा की दुकानों को शीघ्र प्रारंभ करने की दिशा में व्यापारियों से चर्चा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। ग्वालियर दुग्ध संघ के विस्तार के लिये भी उन्होंने विशेष प्रयास किए और लगभग 60 लोगों को मिल्क पार्लर प्रारंभ करने हेतु स्थान उपलब्ध कराया। नए दुग्ध रूट भी स्थापित कराए।
ग्वालियर-चंबल संभाग आयुक्त श्री आशीष सक्सेना ने पदभार ग्रहण करते ही अपनी प्राथमिकताओं को अमलीजामा पहनाने का निरंतर प्रयास किया। उनके प्रयासों के सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। निरंतर मॉनीटरिंग के कारण ही जिला पंचायत मुरैना को प्रथम एवं ग्वालियर जिला पंचायत को योजनाओं के क्रियान्वयन की श्रेणी में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है। ग्रामीण विकास की सभी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन तेजी से हो, इसके लिये गूगल मीट के माध्यम से प्रतिदिन समीक्षा का ही परिणाम था कि दोनों जिलों ने प्रदेश में अपनी अलग पहचान कायम की है।
कोरोना की द्वितीय लहर के दौरान ऑक्सीजन की पूर्ति के लिये शासन स्तर तक समन्वय स्थापित कर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी। लगातार गूगल मीट, दूरभाष मोबाइल पर चर्चा करके ऑक्सीजन सिलेण्डरों की व्यवस्था को बनाये रखा।
हालांकि विकास निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है लेकिन आयुक्त ने इस प्रक्रिया की गति को न केवल कायम रखा बल्कि इसे आगे भी बढ़ाया। संभागायुक्त श्री सक्सेना ने ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाकर वर्तमान चुनौतियों का सामना करते हुए विकास को गति प्रदान की।
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