स्व. श्री रामस्वरूप जी शर्मा की प्रथम पुण्यतिथि पर काव्यांजलि कवि गोष्ठी सम्पन्न .
(शिवपुरी)करैरा:-
स्व. श्री रामस्वरूप शर्मा की प्रथम पुण्यतिथि पर उनके सुपुत्र कीर्तिमुख शर्मा और रजनीश शर्मा द्वारा पुन्य स्मरण समारोह में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि के रुप में जनपद पंचायत करैरा के पूर्व अध्यक्ष श्री नारायण प्रसाद गेडा़ उपस्थित थे । अध्यक्षता श्री घनश्याम योगी गीतकार द्वारा की गई तथा विशिष्ट अतिथि के रुप में गहोई महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सुरेश बंधु ,नगर पंचायत करैरा के पूर्व उपाध्यक्ष श्री नरेश सरावगी,जनपहल न्यूज़ के हैड श्री नरेंद्र तिवारी और संजीव साहू उपस्थित थे।
प्रारंभ में अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती का पूजन किया गया तथा स्व. श्री रामस्वरूप शर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी.
श्री कीर्तिमुख शर्मा, रजनीश शर्मा, अरविंद बेडर,और राजू नगरिया द्वारा समस्त अतिथियों ,कवियों एवं श्रोताओं का स्वागत किया गया।
कवि गोष्ठी के आरंभ में श्री प्रभुदयाल शर्मा द्वारा माँ सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की ...
जयति जय माँ शारदे
उद्धार जग का कीजिये,
वीणा के ऐसे स्वर बहा
तन मन प्रफुल्लित कीजिये.
तत्पश्चात गहोई जाग्रति परिषद के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रमोद गुप्ता भारती ने पिता को समर्पित करते हुए कविता का पाठ किया।
‘ कभी न कंधे थकें पिता के
पांव कहाँ रुकते हैं,
पिता के संमुख नतमस्तक हो
परमपिता झुकते हैं।
तत्पश्चात हौम्योपैथी के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ0 राजेन्द्र गुप्ता ने अपने कविता पाठ से सभी का मन मोह लिया -
‘‘ रोज मरते हैं रोज जीते हैं,
जिंदगी में कहाँ सुभीते हैं।
राष्ट्रवादी कवि एवं प्रसिद्ध मंच संचालक श्री प्रभुदयाल शर्मा ने अपनी श्रेष्ठ कविताओं के साथ तालिबान को चेतावनी कविता से श्रोताओं की तालियां बटोरी .
श्री सौरभ तिवारी की पिता को समर्पित कविता ने सभी को भावुक कर दिया....
बैठ पिता के , कांधों पर
इठलाने को मन करता है।
मेले के खेल खिलौनों को
घर लाने को ,मन करता है।
तत्पश्चात श्री रमेश वाजपेयी ने ‘‘ सब चलता है ’’ कविता से गोष्ठी का रूख मोड़ दिया ।
प्रसिद्ध गीतकार श्री घनश्याम योगी ने मधुर कष्ठ से मुक्ति धाम गीत पढ़ा तो माहौल गमगीन हो गया .
प्रदीप श्रीवास्तव के गीत को खूब सराहा गया...
आओ हम गीत लिखें
फिर से मनुहार के,
शहरों से गावों तक
आंगन के प्यार के.
साथ ही चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, डॉ. ओमप्रकाश दुबे ,सतीश श्रीवास्तव, वेदप्रकाश दुबे, नवीन श्रीवास्तव, सोम भार्गव, कीर्तिमुख शर्मा,रजनीश शर्मा ने भी कविता पाठ किया तथा श्री अरविंद बेडर ने स्व. श्री रामस्वरूप शर्मा की कविताओं का विशेष रूप से पाठ किया.
विशिष्ट अतिथि श्री नरेंद्र तिवारी ने कहा कि इस आयोजन में शामिल होकर मैं अपने आपको सौभाग्यशाली मानता हूँ.
श्री सुरेश बन्धु जी ने कहा कि आदरणीय शर्मा से जो मिलता था वह उनका हो जाता था इतनी सहजता और इतनी सरलता बहुत ही कम लोगों में होती है और सम्मान करने की उनकी अद्भुत विशेषता थी,मुख्य अतिथि आसंदी से श्री नारायण प्रसाद गेड़ा ने कीर्तिमुख और रजनीश की भूरिभरि प्रसंसा करते हुए कहा कि सचमुच आदरणीय शर्मा जी सौभाग्यशाली रहे कि उन्हें इतने अच्छे संस्कारवान और आदर्श पुत्र मिले. आयोजन को सभी साहित्यकारों ने निश्चित रूप से अविस्मरणीय बना दिया है. उन्होंने सभी की कविताओं की समीक्षा करते हुये साहित्यकारों की प्रशंसा की ।
अध्यक्षता कर रहे श्री घनश्याम योगी ने स्व.श्री रामस्वरूप शर्मा के रचना संसार की भूरिभूरि प्रसंशा की और उनकी कविताओं और उनके जीवन परिचय के साथ साथ उनके साथ बिताये पलों को याद किया ।
कीर्तिमुख शर्मा ने सभी अतिथियों और साहित्यकारों को स्मृतिचिन्ह भेंट किए ।
कार्यक्रम में विशेष रूप से डा. प्रेम नारायण भार्गव, श्री जयप्रकाश भार्गव, श्री महेश भार्गव खोड़, रामशरण चतुर्वेदी पिछोर, राजू नगरिया, केदार गुप्ता सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे.
मंच का संचालन श्री प्रमोद गुप्ता भारती द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन कीर्तिमुख शर्मा द्वारा किया गया।
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