गर्ल आइकन जिज्ञासा ओनकर गांव में घर घर जाकर कर शिक्षा का सर्वे कर रही पांच बच्चों का करवाया शाला में प्रवेश
हरदा से अनिल मल्हारे कि रिपोर्ट
हरदा:-
बालागांव तिनका सामाजिक संस्था की 14 वर्ष की गर्ल लिडर जिज्ञासा ओनकर मिलान फाउंडेशन के अंतर्गत घर घर जाकर शाला त्यागि बच्चों की सूची बना रही है एवं उनके दस्तावेज को शिक्षा विभाग को देकर उन बच्चों का एडमिशन सुनिश्चित करने का कार्य कर रही है। बह बच्चें जिन्होंने स्कूल की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी है या कभी स्कूल में प्रवेश ही नहीं लिया है। गांव में अधिकतर लोग लड़कियों को उनकी पढ़ाई भी पूरी नहीं करबाते । दुनिया भर में, अमीरी और गरीबी के बीच बढ़ती खाई ने लाखों छोटे बच्चों को स्कूल छोड़ने और काम करने के लिए मजबूर किया है। दुनिया भर में 5 से 17 वर्ष की आयु के कम से कम हजारों बच्चे वर्तमान में ऐसी परिस्थितियों में काम करते हैं जिन्हें अवैध, खतरनाक या अत्यधिक शोषक माना जाता है। इसलिए क्योंकि उनके परिवार बेहद गरीब हैं। बड़ी संख्या में बच्चे व्यावसायिक कृषि, निर्माण, खनन और घरेलू सेवा में काम करते है। प्रत्येक बच्चे को अच्छी शिक्षा, खेलने का अधिकार और अपने बचपन का आनंद लेने का अधिकार है उन्हें अपने अधिकारों से वंचित ना करे । उन्हें अपने सपनों की उड़ान भरने दे। साथ ही जिज्ञासा गांव की लड़कियों के साथ सप्ताह में एक बार बैठक कर अलग-अलग विषयों पर चर्चा करती है।
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