मिलान फाउंडेशन की गर्ल आइकन जिज्ञासा ओनकर लड़कियों को माहवारी के बारे में दे रही समझाईस
हरदा से अनिल मल्हारे की रिपोर्ट
हरदा :-
मिलान फाउंडेशन में जिज्ञासा ओनकर का चयन होने के बाद गांव की लड़कियों को अपने हक के लिए प्रेरित कर रही है। साथ ही जिज्ञासा ओनकर कराटे प्रशिक्षिका की भूमिका भी निभा रही हैं उन्हें खेल के लिए जागरूक कर रही है। मिलान फाउंडेशन से जुड़ने की प्रेरणा तिनका सामाजिक संस्था के अध्यक्ष शिहान रितेश तिवारी और सचिव मना मंडलेकर द्वारा मिली प्रदेश में इस तरह की 120 किशोरियों का चयन गर्ल आइकन के रूप में मिलान फाउंडेशन द्वारा किया गया था इस तरह जुड़कर यह किशोरिया स्वंम जीवन कौशल के गुण सीख रही है और समाज को बदलने के लिए भी अपना कदम उठा रही है। जिज्ञासा ओनकर सप्ताह में एक बार बालिकाओं के साथ बैठक करती हैं जिसमें हर बार अलग-अलग विषयों पर चर्चा होती है जैसे लिंग आधारित हिंसा, माहवारी-स्वच्छता हम सब जानते हैं कि समाज में लिंग आधारित हिंसा बहुत ज्यादा होती है कि लड़का है तो बाहर के काम करेगा यह लड़की है यह सिर्फ घर के कामों के लिए बनी हैं उन्हें घर से बाहर निकलने की छूट नहीं दी जाती नहीं खेलने की लड़कियों की पढ़ाई खत्म होते ही उनकी शादी के बारे में लोगों से बात करना शुरू कर देते हैं ,पर यह गलत है लड़कियों को खेलने का मौका दें उन्हें अपने देश का नाम रोशन करने का एक मौका तो दे, कर देखो लड़कीयां आसमान छू रही है। साथ ही समाज में माहवारी को पाप समझा जाता है और रसोईघर,मंदिर में अंदर नहीं जाने देते और लड़कियां शर्म के कारण स्कूल भी नहीं जाती। माहवारी शरीर की एक प्रक्रिया है और यह सभी गर्ल्स में होती है इससे डरने वाली और शरमाने वाली कोई बात ही नहीं है। आप बह सारा काम कर सकते हो जो आप रोजाना करते हो। इन्हीं पुरानी मान्यताओं को तोड़ने के गर्ल आइकन जिज्ञासा ओनकर कर रही प्रयास ।
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