सांसद शेजवलकर ने सदन में जंतर-मंतर पर किसान प्रदर्शन को बताया औचित्यहीन
(नियम 377 के तहत संसद में रखी अपनी बात)
ग्वालियर:-
सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने मंगलवार को सदन में नियम 377 के माध्यम से कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन अपना व्यक्तव्य रखते हुये कहा कि तथाकथित किसान नेताओं को कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति दिया जाना कोविड अनुरूप व्यवहार के अनुकूल नहीं है। झूठ और भ्रम के आधार पर चलाया जा रहा यह आंदोलन न तो जनहित में है और न ही इसका किसानों से कोई लेना देना हैं।
सांसद ने कहा कि हाल ही में संपन्न हुई अनाज की सरकारी खरीद में 18% रिकॉर्ड की वृद्धि हुई है। किसान अपने खेतों में पसीना बहाकर फसल का रिकॉर्ड उत्पादन कर रहे हैं, लेकिन वे कौन से लोग है जो हाईवे रोक कर जनता के लिये समस्या पैदा कर रहे है ? वे किसान नहीं हो सकते।
यह भी दुर्भाग्य पूर्ण है कि न्यायालय स्वयं संज्ञान लेकर कांवड यात्रा पर रोक लगा रहे है, लेकिन इस तथाकथित किसान आंदोलन को न्याय पालिका नजर अंदाज कर रही है। सरकार को चाहिये कि स्वयं को किसानों का हितैषी बनाने वाले तथाकथित किसान नेताओं को सख्ती से पेश आये।
सांसद श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने इससे पूर्व इसी नियम 377 के तहत 12 फरवरी 2021 को भी सदन में नये कृषि कानून से किसानों को मिलने वाले लाभ के संबंध में सदन में अपना व्यक्तव्य रखते हुये नये कृषि कानून के फायदों से अवगत कराया था। तीनों कृषि कानून किसानों को आजादी देंगे, जिससे उन्हें उनकी फसलों के अच्छे दाम मिले व अधिक से अधिक लाभ हो। ये कानून किसानों पर किसी भी तरह की पाबंदी नहीं लगा रहे है।
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