कोरोना संक्रमण में प्रतिबंध के कारण सत्तू अमावस्या पर हंडिया के नर्मदा घाट सूने रहे
हरदा से अनिल मल्हारे की रिपोर्ट
हंडिया:-
हिंदू धर्म में ज्योतिषीय और धार्मिक नजरिये से वैशाख मास की अमावस्या बहुत खास मानी जाती । इस दिन नई फसल गेहूं एवं चने के आटे से बने सत्तू का दान किया जाता है,इसलिए इसे सत्तू अमावस्या भी कहा जाता है। अमावस्या पितरों को समर्पित होती है। इसलिए पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि वैशाख अमावस्या पर किए गए श्राद्ध से पितृ संतुष्ट होते हैं। वर्तमान में बढ़ते कोरोना संक्रमण की रोकथाम हेतु जिला प्रशासन द्वारा नर्मदा नदी में घाटों पर स्नान,दानपुण्य करने एवं भीड़ एकत्रित न करने हेतु पूर्णतःप्रतिबंध लगाया गया था और जिला कलेक्टर के आदेशानुसार संपूर्ण हरदा जिले में दिनाँक 14 मई,2021 तक पहले से ही कोरोना कर्फ्यू जारी है।इसके लिए राजस्व एवं पुलिस की टीम घाटों पर मौजूद रही। टीम ने कुछ इक्का दुक्का स्नान करने आये श्रद्धालुओं को घाट ऊपर से वापस लौटाया। हंडिया में इस वर्ष भी श्री रिदहेश्वर घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की लगने भीड़ नदारत रही। रिदहेश्वर घाट व रिद्धनाथ मंदिर परिसर पूरी तरह खाली रहे। रिद्धनाथ मंदिर भी पिछले चार दिनों से बंद है,सिर्फ मन्दिर के पुजारी जी ही पूजन पाठ करते हैं। रिदहेश्वर घाट, हंडिया पर तहसीलदार डॉ.अर्चना शर्मा व हंडिया थाना प्रभारी सीएस सरियाम,राजस्व निरीक्षक संतोष पथोरिया सहित राजस्व व पुलिस की टीम उपस्थित रही।
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