Header Ads

test

संस्कृत भाषा ज्ञान और विज्ञान दोनों को बढ़ाती हैं: सुरेश शर्मा



-संस्कृत का जिला सम्मेलन संपन्न 

शिवपुरी :-

 संस्कृत भारती द्वारा आयोजित जिला संस्कृत सम्मेलन सहरिया वनवासी छात्रावास फतेहपुर शिवपुरी के सभा कक्ष में संस्कृत वातावरण में सपन्न हुआ। जिसमें ग्वालियर से डॉ. विष्णुनारायण तिवारी प्रांत शिक्षण प्रमुख का विशेष मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक प्रहलाद भारती व अध्यक्षता मधुसूदन चौबे ने की। विशिष्ठ अतिथि डॉ. एलडी गुप्ता पूर्व प्राचार्य महाविद्यालय शिवपुरी तथा डॉ. मधुलता जैन संस्कृत एचओडी महाविद्यालय शिवपुरी रहीं। 


कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों के द्वारा माँ शारदा की पूजा अर्चना व दीप ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया। वंदना श्रीमती लक्ष्मी यादव व संस्कृत गीत श्रीमती कमलेश सक्सेना तथा कपिल दुबे द्वारा प्रस्तुत किए गए। अतिथियों का स्वागत संस्कृत भारती के कार्यकर्ताओं द्वारा माल्यार्पण कर परिचय, अध्यक्ष प्रदीप लाक्ष्यकार ने किया। प्रास्ताविक भाषण सुरेश शर्मा विभाग संयोजक ने किया। संचालन दीपेन्द्र शर्मा सचिव द्वारा किया गया।

 सुरेश शर्मा ने संस्कृत की आवश्यकता क्यों हैं इस विषय पर प्रकाश डाला, संस्कृतजन भाषा बने और उसका पूरे जिले में प्रसाद हो इस हेतु संस्कृत भारती लगातार प्रयत्नशील हैं, यह कम्प्यूटर की भाषा हैं।  इसे अनेक देशों ने माना हैं और सीखना प्रारंभ कर दिया हैं। आत्मनिर्भर भारत तथा भारतीय संस्कृति का परचम इसी से लहराया जा सकता हैं। अत: यह ज्ञान और विज्ञान दोनों को ही बढ़ाती हैं। पूर्व विधायक भारती ने अपने विचारों में कहा कि संस्कृत ग्रंथों में ऐसा कोई विषय नहीं हैं जिसका वर्णन नहीं किया गया हो। संस्कृत न जानने के कारण हमारा ज्ञान अधूरा हैं। मधुसूदन चौबे ने कहा कि संसार के अनेक मूर्धन्य विद्ववानों को संस्कृत ने प्रभावित किया। जर्मनी के  मैक्समूलर ने अपना नाम मोक्ष मूलर कर लिया था।

 डॉ. तिवारी ने प्रश्नोत्तर के माध्यम से सरल संस्कृत में चर्चा की और यह भाषा बड़ी जल्दी ही सीखी जा सकती हैं। इसका साक्षात उदाहरण प्रस्तुत किया। इस सम्मेलन का मुख्य आकर्षण संस्कृत में विज्ञान प्रदर्शनी और डीवीडी के माध्यम से पर्दे पर संस्कृत जगत में होने वाले कार्यों को बताया। जिससे नागरिक रोमाचिंत हो गए। इस अवसर पर कार्यक्रम में डॉ. पीके खरे, रमेशचन्द्र अग्रवाल, तेजमल सांखला, हरज्ञान प्रजापति, शुभम गोयल की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। धन्यवाद ज्ञापन प्रदीप लाक्ष्यकार ने किया।

कोई टिप्पणी नहीं