म.प्र. लघु वेतन कर्मचारी संघ ने सौंपा डिप्टी कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
-छोटे कर्मचारियों की मांगों को प्रमुखता से उठाया संगठन ने
शिवपुरी :-
म.प्र. लघु वेतन कर्मचारी संघ शिवपुरी द्वारा कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल को जिलाधीश कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के नाम 15 सूत्रीय एक ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष धीरज सिंह राजपूत, रामस्वरूप राठौर, घनश्याम जाटव, अमित चंदेल, लखन कुशवाह, बाबूलाल, भगवान लाल बाथम, याकूब अली, अंकित नरवरिया सहित अन्य कर्मचारीगण शामिल थे।
म.प्र. लघु वेतन कर्मचारी संघ के उप प्रांताध्यक्ष अरविन्द कुमार जैन ने बताया कि ज्ञापन में उल्लेखित मांगों में क्रमश: भृत्य का पदनाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक करने, प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका को शासकीय कर्मचारी घोषित करते हुए नियमित वेतनमान का लाभ देने, वर्दी धुलाई भत्ता वर्ष 2009 से अभी तक 50 रूपए दिया जा रहा हैं जोकि आजकी महंगाई के अनुपात में बहुत कम हैं ऐसे 200 रूपए किए जाने की मांग की हैं। प्रदेश कार्यरत आकस्मिक और कार्यभारित सेवा की कर्मचारियों को नियमित स्थापना के रिक्त पदों पर समायोजित किए जाने साथ ही इन कर्मचारियों को अवकाश नगदीकरण का लाभ शासकीय कर्मचारियों की भांति 300 दिवस दिए जाने, पुरानी पेंशन बहाली के संबंध में वर्ष 2004 एवं 2005 के पश्चात जो कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं उनके लिए पुरानी पेंशन बहाल करने। प्रदेश में कार्यरत समस्त चतुर्थश्रेणी कर्मचारियों को केन्द्र के कर्मचारियों की भांति 6 वे वेतन की विसंगती को दूर करते हुए ग्रेड पे 1300 के स्थान पर 1800 करने हेतु निर्देश जारी करने का कष्ट करें। प्रदेश के कर्मचारियों का जुलाई 2018 से 5 प्रशित डीए लंबित हैं साथ ही जुलाई में लगने वाली वेतन वृद्धि भी लंबित हैं सरकार से मांग हैं कि महंगाई एवं वेतन वृद्धि के शीघ्र आदेश जारी किए जावें। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वृत्तिकर समाप्त करने प्रदेश में कार्यरत 20 हजार अंशकालीन कर्मचारियों को स्थाईकर्मी का दर्जा देने, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जो अनुकंपा से भर्ती हुए हैं उन्हें उच्च शिक्षा के आधार पर विभागीय परीक्षा आयोजित कर वरिष्ठ पदों का लाभ देने, ग्राम रक्षक कोटवार को नियमित कर्मचारी घोषित करने, वहीं आशा एवं ऊषा कार्यकर्ताओं को 15 हजार रूपए वेतन प्रतिमाह दिया जाए। रसोईया कर्मचारियों को 2000 रूपए की जगह 10 हजार रूपए प्रतिमाह वेतन का भुगतान करने की आदि मांगें प्रमुख हैं।
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